भीम शंकर ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Bhimashankar jyotirlinga history and story in hindi

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भीम शंकर ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में

आज हम आपको अपने ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से 12 ज्योतिर्लिंग में से छठे में ज्योतिर्लिंग के बारे में बताएंगे इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीम शंकर ज्योतिर्लिंग है भीम शंकर ज्योतिर्लिंग से संबंधित भारत में दो जगह एक महाराष्ट्र के पुणे में तथा दूसरा कामरूप जिले में स्थित है आसाम प्राचीन काल में कामरूप के नाम से जाना जाता था महापुराण के कोटि रुद्र संहिता संहिता में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को कामरूप देश में ही स्थित माना गया है बहुत समय पहले भीम नाम का एक राक्षस था वह अपनी माता करकटी के साथ अकेला रहता था बड़े होने पर उसने अपने माता से पूछ लिया कि उसके पिता कौन है और कहां है इस पर उसके बताया कि तुम्हारे पिता महाबली कुंभकरण है और राम ने तुम्हारे पिता का वध कर दिया और उनसे पहले मेरे पति विराध थे उनका विवाह श्री राम नहीं किया था उनकी मृत्यु के बाद में अपने माता पिता के साथ रहने लगी एक दिन उन्होंने अगस्त मुनि के शिष्य को अपना हार बनाना चाहा तो उस विष्णु भक्त शिष्य ने माता पिता को भस्म कर डाला उसके बाद में एकांत में किस पर्वत पर रहने लगी अपने पिता और परिवार जनकी क्यों का पता चलने के बाद वह का बदला देवताओं और भगवान विष्णु से लेना चाहा भीम ने ब्रह्मा जी की 1000 वर्षों तक तपस्या की उनसे बहुत ताकतवर होने का वरदान प्राप्त कर लिया के बाद उसने इंद्र सहित सभी देवताओं को प्राप्त किया और भगवान विष्णु को भी युद्ध में हरा दिया फिर उसने पृथ्वी को जीतना आरंभ किया और उसने सबसे पहले कामरूप देश के राजा सुरक्षित के राज्य पर हमला किया और उसे हराकर कारागार में बंदी बना लिया महाराज सुरक्षित भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे उन्होंने कारागार में ही अगर उनका भजन पूजन करने लगा जब भीम नहीं है देखा तो राजा के द्वारा बनाए गए शिवलिंग को अपने अस्तर से तोड़ने का प्रयत्न किया ऐसा करने पर शिवलिंग से प्रगट हो गए और उन्होंने अपने दिनांक धनुष से उसके तलवार के दो टुकड़े कर दिए और फिर भगवान शिव ने उसे अपनी हुंकार मात्र से ही भस्म कर डाला तब ऋषि और देवताओं ने भगवान शिव से वहीं पर हमेशा के लिए वहीं पर रहने की प्रार्थना की सब के कहने पर भगवान शिव वहीं पर शिवलिंग में स्थापित हो गए इस स्थान पर भीम से युद्ध करने के कारण इस शिवलिंग का नाम भीम शंकर पड़ गया।

 

                                                    ॐ हर हर महादेव जय महाकाल ॐ
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