You Can Heal Your Life Book Summary In Hindi सबक जो मैंने लूइस हे की किताब से सीखे

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सबक जो मैंने लूइस हे की किताब  “you can heal your life” सीखे
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1) हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं : –
हम आज जैसे भी हैं वो हमारे बीते कल की सोच का परिणाम है | हमारी जिंदगी दर्शाती है की हम सोचते क्या हैं | हम जो दिनभर सोचते हैं ठीक वैसे ही परिणाम हमे मिलते हैं | तो अगर आपको एक अच्छा जीवन बसर करना हो तो सबसे पहले आपको अपनी सोच पर काम करना पड़ेगा | और फिर सोचने भर से काम न चलेगा हमे उसपर कुछ करवाई भी करनी पड़ेगी | सबसे पहला काम जो आपको करना है वो है एक लक्ष्य बनाये |और जब आप अपना लक्ष्य बनाये तब ये बात अपने दिमाग से बिलकुल निकाल दे, की आपके पास सही आदमी नहीं आपके पास अवसर नहीं है या आपके पास कोई भी संसाधन नहीं है | जब आप ईमानदारी से किसी लक्ष्य के बारे में सोचते हैं और ये यकीन करने लगते हैं है उसे आप पा  सकते हैं तो प्रकृति अपने आप आपको सही लोगो से मिलवाने का इंतज़ाम करने लगती है | आपको अपने आप अवसर मिलने लगते हैं और अपने आप संसाधन मिलने लगते हैं | आपको बस उसे  पहचाना है और काम करना है | उदारण के तौर पर मानिये की आप एक शेफ हैं आपकी टेबल पर आपकी जरूरत का सारा सामान मौजूद है लेकिन कुछ भी बनाने के लिए आपको उन चीज़ो का इस्तामल तो करना होगा आपको काम तो करना होगा बाकि सारी सामग्री आपके सहयोग में लग ही जाएगी | तो अपना दिमाग को बुरे विचारो से मसलन ईर्ष्या , घृणा , चापलूसी , दुःख आदि से खाली करे और उसमे सुख, समृद्धि ,कृतज्ञता और प्रेम के भाव लाये | जिस पल से आप अच्छा सोचना शुरू करते हैं उसी पल से आप  बेहतर महसूस करना शुरू कर देंगे और आपकी जिंदगी उसी पल से बदलना शुरू हो जाएगी |
2) माफ़ करना सीखे :-
हम में अधिकरतर लोग अधिकतर समय अपने दिमाग में क्या लेके घुमते हैं ? उसने मुझे ऐसा क्यों कह दिया , उसको ऐसा नहीं करना चाहिए , अब मैं उससे बात नहीं करुँगी , वो मेरे प्रेम के लायक नहीं है , अगली बार उससे ये कहूंगा या वो कहूंगा या मुझे ये करना चाहिए था या वो वो करना चाहिए था | मुझे इससे बदला लेना है मुझे उसे कुछ दिखाना है और न जाने क्या क्या ? आपको लगता है आपके सोचने से किसी को कुछ फर्क पड़ेगा ? तो क्यों आप अपनी ऊर्जा को बर्बाद कर रहे हैं | उदाहरण के लिए मानिये की सुबह ऑफिस आते समय आपकी गाड़ी किसी से लड़ गयी, अब आप दिन भर सोचते रहेंगे की मुझे उससे ये बोलना चाहिए था उसे सबक सिखाना चाहिए था और न जाने क्या क्या | लेकिन अगर आपने माफ़ करना सीख लिया तो आप उसी समय उस घटना को छोड़ देंगे | आप सोचिये की अपने उसे माफ़ कर दिया अब दिन भर ये सोचने की जरूरत ही नहीं की उससे ये कह देता या वो कह देता| आपको बस उसे माफ़ कर देना है और उस चीज़ पर आपका मतिष्क  पूर्ण विराम लगा देगा |
कुछ लोग जो आपके पास हैं हो सकता है आपके साथ गलत व्यवहार करते हो लेकिन उसने बदला लेने को सोचने की जगह आपको ये समझना चाहिए की वो बिचारे खुद किन परिस्थियों से गुजर रहे होंगे |
हो सकता है आपके माता पिता आपको बहुत डांटते हो या आपका जीवन साथी आपसे बहुत बेरूखा व्यवहार करता हो | आपको उनसे चिढ़ने या गुस्सा करने की जरूरत  नहीं है बल्कि ये जाने की जरूरत है  की वो ऐसा क्यों कर रहे हैं ? देखिये कोई भी इंसान अंदर से बुरा नहीं होता | हो सकता है आपका कोई मित्र जिसने आज आपको हेलो नहीं बोला घर से किसी बड़ी बहस से उलझ के आया हो | अब उसके बारे में ये सोचने से अच्छा की वो आपका अब दोस्त नहीं रह गया आप उसके पास जाकर पूछे की हुआ क्या? हो सकता है, आपका बॉस  जो इतना चिरचड़ा है उसने बचपन में बड़ी परेशानिया देखि हो और इसलिए वो ऐसा हो गया हो |
तो लोगो को माफ़ करे उसने प्रेम करे आपके प्रेम का कोई असर अगर उनपर नहीं पड़ता तो भी उनपर गुस्सा न करे बस उन्हें माफ़ करे और अपना रास्ता कर ले | आपके पास अपने खुद के लिए सोचने के लिए बहुत कुछ है किस और की ईर्ष्या क्रोध आदि को अपने दिमाग में न घुसने दे |
3) लोग आपको वही लौटते हैं जो वो अपने माता पिता से पाते हैं : 
लूइस हे  कहती हैं की अगर कोई व्यक्ति बहुत गुस्सैल है या बिगड़ा हुआ है या तुनकमिज़ाज़ है तो ऐसा काफी हद तक संभव है की उसने अपने बचपन में अपने घर में ख़राब माहौल पाया हो | बच्चे अपने माता पिता की प्रतिछाया होते हैं तो अगर आप माता पिता हैं तो आपको अपने व्यवहार को परखना चाहिए औरउसका मूल्यांकन  करना चाहिए | मसलन अगर आप घर में आपस में लड़ते हैं तो इसकी बहुत संभावना है की आपकी संताने गुस्सैल और बहुत मतलबी होंगी | अगर आपके घर में हमेशा निराशा और दुःख का माहौल  बना रहता है तो आपकी संताने मानसिक रूप से बहुत कमजोर होंगी और उनमे आत्मविश्वास की बहुत कमी होगी | एक अभिवावक के तौर पर अगर आप एक दूसरे का सम्मान नहीं करेंगे तो आपकी संताने कभी किसी का सम्मान नहीं कर पाएंगी| ठीक इसी तरह अगर कोई आपके साथ कुछ गलत व्यव्हार करता है तो आपको उसे क्षमा कर देना चाहिए क्यूंकि हो सकता हैं उसने ये सब अपने माता पिता से पाया हो और वही वो बाकि दुनिया को लौटा रहा हो | तो लोगो के  सहानभूति रखिये | एक अभिवावक के तौर पर अपने घर पर अपने  व्यवहार का मूल्यांकन  करते रहिये |
4) आप अपने जीवन को अभी सुधार सकते हैं : –
लोगो को लगता है की उनका जीवन अब एक ऐसे बिंदु पर पहुँच चूका है जहा से वापस लौटना लगभग नामुमकिन है | उनको लगता है अब सुधार की गुंजाईश है ही नहीं | ये सरासर गलत बात है | अपने जीवन को सुधरने की प्रक्रिया को  आप कभी भी कही से भी शुरू कर सकते हैं | कभी भी देर नहीं होती बस आपको ठान लेना है की आपको अपने अंदर कुछ सुधार करने है,और आपको अपने उस विचार के प्रति ईमानदारी रखनी है जो भी करने की जरूरत है उसे पूरे मन से करने को तैयार रहना होगा और आप पाएंगे कैसे जिंदगी दोनों बाहें  फैला के आपका स्वागत करती है और कैसे ये ब्रह्माण्ड आपकी सहायता करता है |
अभी से शुरू करे | लिखे की आपको अपने जीवन के किन किन क्षेत्रो  दिक्कते आ रही हैं फिर देखे की उन दिक्कतों को दूर करने के लिए आपको क्या क्या करने की आवश्यकता है पूरी तरह से आत्मावलोकन करने के बाद एक योजना बनाये और शुरू करे | अभी से शुरू करे और पूरी ईमानदारी बरते |  शुरू में कुछ दिक्कतें आएंगी, लेकिन आपको पूरी तरह से लगे रहना है और आप पाएंगे आपके जीवन में कुछ कुछ सुधार पहले दिन से ही होना शुरू हो गया हैं |
5) सृष्टि आपकी सहयोगी है :- 
कुछ लोगो को लगता है उनकी किस्मत ख़राब है , भगवान् ने उनको सिर्फ दुःख और तकलीफे झेलने के लिए ही इस धरती पर  भेजा है | वो ऐसा दिन भर सोचते रहते है  और अंत में क्या पाते हैं ? दुःख ,निराशा अवसाद | वही जो लोग खुश हैं और सफल हैं अगर आपने उनकी आदतों को देखे तो पाएंगे वो किस्मत का रोना नहीं रोते, वो विश्वास करते हैं की वि कर सकते हैं, वो ये मानते हैं की वो योग्य हैं और उनको उसी तरह के अवसर मिलते जाते हैं | उनको अवसर मिलते हैं आपको नहीं क्यूँ ? क्यूंकि आपकी किस्मत ख़राब है ??  नहीं क्यूंकि आप खुद को यकीन ही नहीं दिला पा रहे की आपको ये सब मिल सकता है | आपको पहले खुद पर विश्वास करना होगा की आप योग्य हैं ,आप कर सकते हैं, जैसे ही आप अपना ये विश्वास पुख्ता करते हैं और संदेह से निकल कर बहार आते हैं ये पूरी सृष्टि आपकी मदद करने को आतुर हो जाती है | आपको नए विचार मिलने लगेंगे| आप  उस क्षेत्र के कुछ विशिष्ट व्यक्तियों से मिलने का मौका पाने लगेंगे , आपको कई अविश्वश्नीय  तरीको से मदद मिलने लगेगी | बस आपको ब्रह्माण्ड के इन चिन्हो को पहचानते जाना  है और उसी के अनुसार काम करते जाना है| हो सकता है आप पहली कुछ बार में असफल हो लेकिन अगर आप बिना संदेह के अपना काम करते जायेंगे तो एक न एक दिन चीज़े आपके पक्ष में होंगी ही होंगी |
6) खुद से प्रेम करे :- 
आपको याद है अंतिम बार कब आपने खुद को शीशे में देख कर ये कहा था की आप उस  शख्स से प्यार करते हैं जो शीशे में दिख रहा है | प्रेम हमारी जिंदगी को खुशनुमा बना देता है लेकिन हम हमेशा इसे बहार ही खोजते हैं जबकि इसका अकूत खजाना हमारे भीतर ही बसा छुपा हुआ है | सबसे पहले खुद से प्रेम करना शुरू करिये | . जब आप खुद पर ध्यान देना शुरू करते हैं तो आपको अपने शरीर में बहुत से परिवर्तन देखने को मिलेंगे और आपके आत्मविश्वास में अकल्पनीय वृद्धि होगी | रोज़ शीशे में देखिये और खुद से कहिये की मैं तुम्हारा ख्याल रखूँगा मैं तुम्हे हर वो चीज़ लेकर दूंगा जो तुम्हे चाहिए | खुद से कहिये की मैं तुम्हे प्रेम करता हूँ, क्यूंकि तुम ही हो जो हर दुःख सुख में मेरे साथ रहते हो |  तुम्हारा ध्यान रखना मेरा कर्तव्य है | अगर आप खुद से प्रेम करना  सीख जायेंगे तो आपका खुद पर पूरी तरह से नियंत्रण रहेगा इसके साथ ही साथ आपके लिए  भी आसान हो जायेगा |
7) कृतज्ञ  होइए:-
क्या कभी आपने ध्यान दिया सुबह होते ही जब आप अपनी आंख खोलते हैं तो ये पूरी प्रकृति आपके लिए काम करना शुरू कर देती है | सूरज रोज़ आपको रौशनी देने के लिए अपनी जगह पर आ जाता है | नदिया पानी दे रही हैं | पेड़ आपको हवा दे रहे हैं | क्या अप्पने कभी थोड़ी देर ठहर कर ये महसूस किया की कितने लोग आपका सहयोग कर रहे हैं ताकि आपकी जिंदगी अच्छे से चल सके | क्या कभी आपने उन्हें धन्यवाद दिया ?
आज से ही धन्यवाद कहना शुरू करिये | ब्रह्माण्ड को धन्यवाद कहिये | प्रकृति को धन्यवाद कहिये | अपने हर उस मित्र को धन्यवाद कहिये जो मुश्किलों में आपके साथ खड़ा रहा | अपने माता पिता को धन्यवाद कहिये अपनी पत्नी को पति को धन्यवाद कहिये | अपने घर में काम करने वाले को धन्यवाद कहिये | आपके ऑफिस  में आपके लिए काम करने वाले कर्मचारियों को धन्यवाद कहिये | अपने ड्राइवर को धन्यवाद कहिये और जब भी उनसे मिले एक मुस्कराहट के साथ मिलिए | जब आप लोगो के प्रति कृतज्ञ होते हैं तो लोग भी आपके लिए और विनम्र हो जाते है और आपके लिए अपनी सामर्थ्य से बढ़ कर करते हैं | जब आप कृतज्ञ रहते हैं तो आप पाएंगे की आप एक सकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर बहने देते हैं और ये सकारात्मक ऊर्जा आपको मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से स्वस्थ बनती है।

8) मुस्कुराना एक कला है:-
किसी से भी मिलये तो एक मुस्कराहट के साथ मिलिए | इससे लोगो को एक सकारात्मक संकेत मिलता है की आप उनसे मिल कर कितने खुश हैं | लोग आपकी बाते और ध्यान से सुनते हैं और मुस्कुराने से आपके चहरे पर भी ताजगी बानी रहती है | सारा विज्ञान आपके विचारो का है | सोचिये जब आप बहुत अच्छा महसूस कर रहे होते हैं तो आप मुस्कुराते हैं | क्या इसका विपरीत  संभव नहीं की आप मुस्कुराये और फिर आप अपने आप अच्छा महसूस करने लग जाये |  आपका लक्ष्य अपने मन से सारी
 नकारात्मक सोच को बहार निकल कर अच्छा महसूस करना है | जब आप अच्छा महसूस करते हैं तो आपके शरीर के अधिकतम रोग अपने आप सही होने लगते हैं |
9) साफ़ लक्ष्य रखे :-
अपने लक्ष्य को पाने का सबसे महवत्पूर्ण कदम है की आपका लक्ष्य साफ हो | ताकि आप उसके बारे में दिन रात चिंतन कर सके और भटके नहीं | सोचिये आज आपको ये बनना है आपने उस दिशा में काम करना शुरू किया अब कल आप उठ के कहे की अब आपको वो बनना है तो अब उस दिशा में काम करना पड़ेगा इससे आपके बीते कल की मेहनत ख़राब हो जाएगी और आप फिर से शून्य पर पहुंच जायेंगे | आपने आपको समय दे तब तक जब तक की आप अपने ये तय न कर ले की आपको करना क्या है | एक बार आपको ये समझ आ जाये की आपको करना क्या है उसके बाद फिर अपने लक्ष्य से ध्यान न भटकने दे | पूरा विश्वास रखे की आप उसे पा लेंगे | और फिर पूरी शिद्दत के साथ अपने सपने को साकार करने में लग जाइये | फिर वो लक्ष्य खुद को किसी रोग से मुक्त करने का हो या कुछ पाने का |
10) आप अपनी जिंदगी का उपचार खुद कर सकते हैं :-
लोगो में कई तरह के रोग पनपते हैं पर ऐसा कोई रोग नहीं जो आपकी पूर्ण तरह से बिना आपके सहयोग से सही हो सके | दूसरी तरफ कोई भी रोग इतना असाध्य नहीं की आपको हो और वो ठीक न हो | लेखिका लूइस हे अपने हे हॉउस में इसी सकारात्मक विचारो की तकनीक से एड्स और कैंसर जैसे रोगो को भी हरा कर लोगो को सही करती हैं | उनका कहना है, की कोई ऐसा रोग नहीं जो आप खुद से सही न कर सके बस आपको अपने आपका पूरा सहयोग करना होगा और थोड़ा सजग होकर जीना होगा ताकि आप रोगो की चपेट में आये ही न | अपनी सोच की शक्ति से आप कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं, फिर वो चाहे वित्तीय हो,मानसिक हो या शारीरिक |
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